पंजाब में टैक्स चोरी के मामलों पर सख्ती बढ़ाते हुए जीएसटी विभाग ने जालंधर के माई हीरां गेट इलाके में बुक पब्लिशर्स और किताबों की दुकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई उन दुकानदारों और पब्लिशर्स के खिलाफ की गई जो बिना बिल के किताबों और स्टेशनरी का सामान बेच रहे थे। अधिकारियों के अनुसार, यह सीधे तौर पर टैक्स चोरी का मामला है, जिससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था।
बिना बिल के बेची जा रही थीं महंगी किताबें और स्टेशनरी
जीएसटी स्टेट टैक्स अधिकारी शैलेंद्र सिंह और धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में इस रेड को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ पब्लिशर्स स्कूलों के माध्यम से पेरेंट्स को महंगे किताबों के सेट बेच रहे हैं, जिनमें रजिस्टर, स्टेशनरी, टिफिन बॉक्स और बैग जैसे सामान शामिल हैं। इनकी कीमत 5,000 से 10,000 रुपये तक होती है, लेकिन पेरेंट्स को किसी भी तरह का बिल नहीं दिया जाता, जिससे टैक्स चोरी हो रही थी।
पहले से रडार पर थे पब्लिशर्स
जीएसटी अधिकारियों ने माई हीरां गेट स्थित पंजाब बुक शॉप, एमजीएन स्कूल के पास मौजूद दुकानों और कपूरथला में कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल के पास नीलम पब्लिशर्स के ठिकानों पर छापेमारी की। खास बात यह है कि ये दोनों पब्लिशर्स पहले भी जीएसटी के दायरे में आ चुके हैं। कुछ महीनों पहले जब जीएसटी विभाग ने बिजनेस टू कस्टमर (बी2सी) अभियान चलाया था, तब भी इन पर जुर्माना लगाया गया था। इसके बावजूद ये चोरी कर रहे थे, जिस पर विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है।
पब्लिशर्स को थमाया गया नोटिस
कार्रवाई के दौरान जीएसटी टीम ने बुक पब्लिशर्स के स्टॉक की जांच की और उनके बिल बुक्स, लूज पेपर्स व अन्य दस्तावेजों को जब्त कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि इन पब्लिशर्स द्वारा बेचे जा रहे सामान पर 12% से 18% तक जीएसटी लागू होता है, लेकिन ये टैक्स भरने से बच रहे थे। अब इन्हें नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है, और यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।